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    Home»Dharm»Powerful Hanuman Chalisa Lyrics Meaning Significance in Hindi | हनुमान चालीसा पढ़ने के फायदे और महत्व
    Dharm

    Powerful Hanuman Chalisa Lyrics Meaning Significance in Hindi | हनुमान चालीसा पढ़ने के फायदे और महत्व

    Googal BabaBy Googal BabaNo Comments13 Mins Read
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    Powerful Hanuman Chalisa Lyrics Meaning Significance in Hindi
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    Hanuman Chalisa Lyrics, Meaning, Significance & Benefits in Hindi: हनुमान चालीसा एक प्रसिद्ध हिंदू धार्मिक पाठ है, जो प्रशंसा और आराधना का विषय है जो भगवान हनुमान को समर्पित है। Hanuman Chalisa पाठ का उद्देश्य उनकी कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करना है, जो भक्तों को संयम, शक्ति, सुख, संतोष और धैर्य के गुणों में सुदृढ़ बनाता है। हनुमान चालीसा पढ़ने के फायदे और महत्व विभिन्न पहलुओं को परिचालित करते हैं, जिनसे हम इसके गहन मतलब और महत्व को समझ सकते हैं।

    इस आर्टिकल में, हम यह विस्तार से जांचेंगे कि हनुमान चालीसा पढ़ने के क्या-क्या लाभ हैं और इसका महत्व क्या है। हम इसे मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक माध्यम से देखेंगे और यह समझेंगे कि हनुमान चालीसा को पढ़ने के लिए कौन-कौन सी विधियाँ हैं। सबसे पहले हम जानेंगे अर्थ सहित “Hanuman Chalisa Lyrics”

    यह भी पढ़ें – Is Ramayana Real or Myth? Know Historical Facts about Ramayan

    Table of Contents

    • Shri Hanuman Chalisa Lyrics with Hindi Meaning
      • दोहा:
        • श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुरु सुधारि । बरनऊँ रघुवर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि ॥१॥ बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरो पवन-कुमार । बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार ॥२॥
      • चौपाई
        • जय हनुमान ज्ञान गुण सागर, जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥1॥
        • राम दूत अतुलित बलधामा, अंजनी पुत्र पवन सुत नामा॥2॥
        • महावीर विक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी॥3॥
        • कंचन बरन बिराज सुबेसा, कानन कुण्डल कुंचित केसा॥4॥
        • हाथ ब्रज और ध्वजा विराजे, काँधे मूँज जनेऊ साजै॥5॥
        • शंकर सुवन केसरी नंदन, तेज प्रताप महा जग वंदन॥6॥
        • विद्यावान गुणी अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर॥7॥
        • प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया॥8॥
        • सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा, बिकट रूप धरि लंक जरावा॥9॥
        • भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचन्द्र के काज संवारे॥10॥
        • लाय सजीवन लखन जियाये, श्री रघुवीर हरषि उर लाये॥11॥
        • रघुपति कीन्हीं बहुत बड़ाई, तुम मम प्रिय भरत सम भाई॥12॥
        • सहस बदन तुम्हरो जस गावैं, अस कहि श्री पति कंठ लगावैं॥13॥
        • सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा, नारद, सारद सहित अहीसा॥14॥
        • जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते, कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते॥15॥
        • तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा, राम मिलाय राजपद दीन्हा॥16॥
        • तुम्हरो मंत्र विभीषण माना, लंकेस्वर भए सब जग जाना॥17॥
        • जुग सहस्त्र जोजन पर भानू, लील्यो ताहि मधुर फल जानू॥18॥
        • प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि, जलधि लांघि गये अचरज नाहीं॥19॥
        • दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥20॥
        • राम दुआरे तुम रखवारे, होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥21॥
        • सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डरना ॥22॥
        • आपन तेज सम्हारो आपै, तीनों लोक हाँक ते काँपै॥23॥
        • भूत पिशाच निकट नहिं आवै, महावीर जब नाम सुनावै॥24॥
        • नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा ॥25॥
        • संकट तें हनुमान छुड़ावै, मन क्रम बचन ध्यान जो लावै॥26॥
        • सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा॥27॥
        • और मनोरथ जो कोइ लावै, सोई अमित जीवन फल पावै॥28॥
        • चारों जुग परताप तुम्हारा, है परसिद्ध जगत उजियारा॥ 29॥
        • साधु सन्त के तुम रखवारे, असुर निकंदन राम दुलारे॥30॥
        • अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता॥31॥
        • राम रसायन तुम्हरे पासा, सदा रहो रघुपति के दासा॥32॥
        • तुम्हरे भजन राम को पावै, जनम जनम के दुख बिसरावै॥33॥
        • अन्त काल रघुबर पुर जाई, जहाँ जन्म हरि भक्त कहाई॥ 34॥
        • और देवता चित न धरई, हनुमत सेई सर्व सुख करई॥35॥
        • संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥36॥
        • जय जय जय हनुमान गोसाईं, कृपा करहु गुरु देव की नाई॥37॥
        • जो सत बार पाठ कर कोई, छुटहि बँदि महा सुख होई॥38॥
        • जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा, होय सिद्धि साखी गौरीसा॥ 39॥
        • तुलसीदास सदा हरि चेरा, कीजै नाथ हृदय मँह डेरा॥40॥
      • -: दोहा :-
        • पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप। राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुरभुप॥
    • हनुमान चालीसा के फायदे (Benefits of Hanuman Chalisa Path)
    • हनुमान चालीसा का आध्यात्मिक महत्व
    • हनुमान चालीसा की विशेषताएं:
    • हनुमान चालीसा के पाठ की विधियाँ:

    Shri Hanuman Chalisa Lyrics with Hindi Meaning

    दोहा:

    श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुरु सुधारि ।
    बरनऊँ रघुवर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि ॥१॥

    बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरो पवन-कुमार ।
    बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार ॥२॥

    हिन्दी अर्थ : “श्री गुरु महाराज के चरण कमलों की धूल से अपने मन रूपी दर्पण को पवित्र करके श्री रघुवीर के निर्मल यश का वर्णन करता हूँ, जो चारों फल धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को देने वाला है।”
    “हे पवन कुमार! मैं स्वयं को निर्बल शरीर और निर्बल बुद्धि मानकर आपको सुमिरन करता हूँ। मुझे शारीरिक बल, सद्बुद्धि एवं ज्ञान दीजिए और मेरे दुःखों व दोषों का नाश कर दीजिए।”

    चौपाई

    जय हनुमान ज्ञान गुण सागर,
    जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥1॥

    हिंदी अर्थ : “श्री हनुमान जी!आपकी जय हो। आपका ज्ञान और गुण अथाह है। हे कपीश्वर! आपकी जय हो! तीनों लोकों, स्वर्ग लोक, भूलोक और पाताल लोक में आपकी कीर्ति है।”

    राम दूत अतुलित बलधामा,
    अंजनी पुत्र पवन सुत नामा॥2॥

    हिंदी अर्थ : “हे पवनसुत अंजनी नंदन! आपके समान दूसरा बलवान नहीं है।”

    महावीर विक्रम बजरंगी,
    कुमति निवार सुमति के संगी॥3॥

    हिंदी अर्थ :“” महावीर बजरंग बली!आप विशेष पराक्रम वाले है। आप खराब बुद्धि को दूर करते है, और अच्छी बुद्धि वालो के साथी, सहायक है।”

    कंचन बरन बिराज सुबेसा,
    कानन कुण्डल कुंचित केसा॥4॥

     हिंदी अर्थ : “आप सुनहले रंग, सुन्दर वस्त्रों, कानों में कुण्डल और घुंघराले बालों से सुशोभित हैं।”

    हाथ ब्रज और ध्वजा विराजे,
    काँधे मूँज जनेऊ साजै॥5॥

    हिंदी अर्थ : “आपके हाथ में बज्र और ध्वजा है और कन्धे पर मूंज के जनेऊ की शोभा है।”

    शंकर सुवन केसरी नंदन,
    तेज प्रताप महा जग वंदन॥6॥

    “श्री सनक, श्री सनातन, श्री सनन्दन, श्री सनत्कुमार आदि मुनि ब्रह्मा आदि देवता नारद जी, सरस्वती जी, शेषनाग जी सब आपका गुण गान करते है।”“हे शंकर के अवतार!हे केसरी नंदन आपके पराक्रम और महान यश की संसार भर में वन्दना होती है।”

    विद्यावान गुणी अति चातुर,
    राम काज करिबे को आतुर॥7॥

    “आप प्रकान्ड विद्या निधान है, गुणवान और अत्यन्त कार्य कुशल होकर श्री राम काज करने के लिए आतुर रहते है।”

    प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया,
    राम लखन सीता मन बसिया॥8॥

    “आप श्री राम चरित सुनने में आनन्द रस लेते है।श्री राम, सीता और लखन आपके हृदय में बसे रहते है।”

    सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा,
    बिकट रूप धरि लंक जरावा॥9॥

    “आपने अपना बहुत छोटा रूप धारण करके सीता जी को दिखलाया और भयंकर रूप करके लंका को जलाया।”

    भीम रूप धरि असुर संहारे,
    रामचन्द्र के काज संवारे॥10॥

    “आपने विकराल रूप धारण करके राक्षसों को मारा और श्री रामचन्द्र जी के उद्देश्यों को सफल कराया।”

    लाय सजीवन लखन जियाये,
    श्री रघुवीर हरषि उर लाये॥11॥

    “आपने संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण जी को जिलाया जिससे श्री रघुवीर ने हर्षित होकर आपको हृदय से लगा लिया।”

    रघुपति कीन्हीं बहुत बड़ाई,
    तुम मम प्रिय भरत सम भाई॥12॥

    “श्री रामचन्द्र ने आपकी बहुत प्रशंसा की और कहा की तुम मेरे भरत जैसे प्यारे भाई हो।”

    सहस बदन तुम्हरो जस गावैं,
    अस कहि श्री पति कंठ लगावैं॥13॥

    “श्री राम ने आपको यह कहकर हृदय से लगा लिया की तुम्हारा यश हजार मुख से सराहनीय है।”

    सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा,
    नारद, सारद सहित अहीसा॥14॥

    “श्री सनक, श्री सनातन, श्री सनन्दन, श्री सनत्कुमार आदि मुनि ब्रह्मा आदि देवता नारद जी, सरस्वती जी, शेषनाग जी सब आपका गुण गान करते है।”

    जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते,
    कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते॥15॥

    हिंदी अर्थ : “यमराज, कुबेर आदि सब दिशाओं के रक्षक, कवि विद्वान, पंडित या कोई भी आपके यश का पूर्णतः वर्णन नहीं कर सकते।”

    तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा,
    राम मिलाय राजपद दीन्हा॥16॥

    हिंदी अर्थ : “आपने सुग्रीव जी को श्रीराम से मिलाकर उपकार किया , जिसके कारण वे राजा बने।”

    तुम्हरो मंत्र विभीषण माना,
    लंकेस्वर भए सब जग जाना॥17॥

    हिंदी अर्थ : “आपके उपदेश का विभीषण जी ने पालन किया जिससे वे लंका के राजा बने, इसको सब संसार जानता है।”

    जुग सहस्त्र जोजन पर भानू,
    लील्यो ताहि मधुर फल जानू॥18॥

    हिंदी अर्थ : “जो सूर्य इतने योजन दूरी पर है की उस पर पहुँचने के लिए हजार युग लगे। युग x सहस्त्र x योजन = 12000x1000x8= 96000000 मील की दूरी पर स्थित सूर्य को आपने एक मीठा फल समझकर निगल लिया।”

    प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि,
    जलधि लांघि गये अचरज नाहीं॥19॥

    हिंदी अर्थ : “आपने श्री रामचन्द्र जी की अंगूठी मुँह में रखकर समुद्र को लांघ लिया, इसमें कोई आश्चर्य नहीं है।”

    दुर्गम काज जगत के जेते,
    सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥20॥

    हिंदी अर्थ : “संसार में जितने भी कठिन से कठिन काम हो, वो आपकी कृपा से सहज हो जाते है।”

    राम दुआरे तुम रखवारे,
    होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥21॥

    हिंदी अर्थ : “श्री रामचन्द्र जी के द्वार के आप रखवाले है, जिसमें आपकी आज्ञा बिना किसी को प्रवेश नहीं मिलता अर्थात आपकी प्रसन्नता के बिना राम कृपा दुर्लभ है।”

    सब सुख लहै तुम्हारी सरना,
    तुम रक्षक काहू को डरना ॥22॥

    हिंदी अर्थ : “जो भी आपकी शरण में आते है, उस सभी को आन्नद प्राप्त होता है, और जब आप रक्षक है, तो फिर किसी का डर नहीं रहता।”

    आपन तेज सम्हारो आपै,
    तीनों लोक हाँक ते काँपै॥23॥

    हिंदी अर्थ : “आपके सिवाय आपके वेग को आपके सिवा कोई नहीं रोक सकता, आपकी गर्जना से तीनों लोक काँप जाते है।”

    भूत पिशाच निकट नहिं आवै,
    महावीर जब नाम सुनावै॥24॥

    हिंदी अर्थ : “जहाँ महावीर हनुमान जी का नाम सुनाया जाता है, वहाँ भूत, पिशाच पास भी नहीं फटक सकते।”

    नासै रोग हरै सब पीरा,
    जपत निरंतर हनुमत बीरा ॥25॥

    हिंदी अर्थ : “वीर हनुमान जी!आपका निरंतर जप करने से सब रोग चले जाते है, और सब पीड़ा मिट जाती है।”

    संकट तें हनुमान छुड़ावै,
    मन क्रम बचन ध्यान जो लावै॥26॥

    “हे हनुमान जी! विचार करने में, कर्म करने में और बोलने में, जिनका ध्यान आपमें रहता है, उनको सब संकटों से आप छुड़ाते है।”

    सब पर राम तपस्वी राजा,
    तिनके काज सकल तुम साजा॥27॥

    हिंदी अर्थ : “तपस्वी राजा श्री रामचन्द्र जी सबसे श्रेष्ठ है, उनके सब कार्यों को आपने सहज में कर दिया।”

    और मनोरथ जो कोइ लावै,
    सोई अमित जीवन फल पावै॥28॥

    हिंदी अर्थ : “जिस पर आपकी कृपा हो, वह कोई भी अभिलाषा करे तो उसे ऐसा फल मिलता है जिसकी जीवन में कोई सीमा नहीं होती।”

    चारों जुग परताप तुम्हारा,
    है परसिद्ध जगत उजियारा॥ 29॥

    हिंदी अर्थ : “चारों युगों सतयुग, त्रेता, द्वापर तथा कलियुग में आपका यश फैला हुआ है, जगत में आपकी कीर्ति सर्वत्र प्रकाशमान है।”

    साधु सन्त के तुम रखवारे,
    असुर निकंदन राम दुलारे॥30॥

    हिंदी अर्थ : “हे श्री राम के दुलारे ! आप सज्जनों की रक्षा करते है और दुष्टों का नाश करते है।”

    अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता,
    अस बर दीन जानकी माता॥31॥

    हिंदी अर्थ : “आपको माता श्री जानकी से ऐसा वरदान मिला हुआ है, जिससे आप किसी को भी आठों सिद्धियां और नौ निधियां दे सकते है।”

    राम रसायन तुम्हरे पासा,
    सदा रहो रघुपति के दासा॥32॥

    हिंदी अर्थ : “आप निरंतर श्री रघुनाथ जी की शरण में रहते है, जिससे आपके पास बुढ़ापा और असाध्य रोगों के नाश के लिए राम नाम औषधि है।”

    तुम्हरे भजन राम को पावै,
    जनम जनम के दुख बिसरावै॥33॥

    हिंदी अर्थ : “आपका भजन करने से श्री राम जी प्राप्त होते है, और जन्म जन्मांतर के दुःख दूर होते है।”

    अन्त काल रघुबर पुर जाई,
    जहाँ जन्म हरि भक्त कहाई॥ 34॥

    हिंदी अर्थ : “अंत समय श्री रघुनाथ जी के धाम को जाते है और यदि फिर भी जन्म लेंगे तो भक्ति करेंगे और श्री राम भक्त कहलायेंगे।”

    और देवता चित न धरई,
    हनुमत सेई सर्व सुख करई॥35॥

    हिंदी अर्थ : “हे हनुमान जी!आपकी सेवा करने से सब प्रकार के सुख मिलते है, फिर अन्य किसी देवता की आवश्यकता नहीं रहती।”

    संकट कटै मिटै सब पीरा,
    जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥36॥

    “हे वीर हनुमान जी! जो आपका सुमिरन करता रहता है, उसके सब संकट कट जाते है और सब पीड़ा मिट जाती है।”

    जय जय जय हनुमान गोसाईं,
    कृपा करहु गुरु देव की नाई॥37॥

    हिंदी अर्थ : “हे स्वामी हनुमान जी! आपकी जय हो, जय हो, जय हो! आप मुझपर कृपालु श्री गुरु जी के समान कृपा कीजिए।”

    जो सत बार पाठ कर कोई,
    छुटहि बँदि महा सुख होई॥38॥

    हिंदी अर्थ : “जो कोई इस हनुमान चालीसा का सौ बार पाठ करेगा वह सब बन्धनों से छुट जायेगा और उसे परमानन्द मिलेगा।”

    जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा,
    होय सिद्धि साखी गौरीसा॥ 39॥

    हिंदी अर्थ : “भगवान शंकर ने यह हनुमान चालीसा लिखवाया, इसलिए वे साक्षी है, कि जो इसे पढ़ेगा उसे निश्चय ही सफलता प्राप्त होगी।”

    तुलसीदास सदा हरि चेरा,
    कीजै नाथ हृदय मँह डेरा॥40॥

    हिंदी अर्थ : “हे नाथ हनुमान जी! तुलसीदास सदा ही श्री राम का दास है।इसलिए आप उसके हृदय में निवास कीजिए।”

    -: दोहा :-

    पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
    राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुरभुप॥

    हिंदी अर्थ : “हे संकट मोचन पवन कुमार! आप आनन्द मंगलो के स्वरूप है। हे देवराज! आप श्री राम, सीता जी और लक्ष्मण सहित मेरे हृदय में निवास कीजिए।”

    -: बजरंग बाण का पाठ करने के लिए यहाँ क्लिक करें :-

    हनुमान चालीसा के फायदे (Benefits of Hanuman Chalisa Path)

    हनुमान चालीसा पढ़ने के कई प्रमुख फायदे हैं। इस पाठ को प्रतिदिन नियमित रूप से पढ़ने से निम्नलिखित लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं:

    1. मानसिक शांति: हनुमान चालीसा का पठन मन को शांति और स्थिरता प्रदान करता है। यह चंचल मन को शांत करके ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है।
    2. शक्ति और उत्साह का विकास: हनुमान चालीसा पठने से व्यक्ति में शक्ति, उत्साह और सामर्थ्य की वृद्धि होती है। यह उन्हें अवसरों के सामने बहादुरी से खड़ा होने की प्रेरणा देता है।
    3. रोग निवारण: हनुमान चालीसा का पाठ करने से शारीरिक और मानसिक रोगों का निवारण होता है। भगवान हनुमान की कृपा से बीमारियों का संकट दूर होता है और शरीर को उत्तेजित और स्वस्थ बनाने में मदद मिलती है।
    4. नेगेटिव ऊर्जा के निवारण: हनुमान चालीसा का पाठ करने से नकारात्मक ऊर्जा का निवारण होता है। यह आपको शत्रुता, कुटिलता और दुश्मनी से बचाता है और प्रेम, मैत्री और सौहार्द की ऊर्जा को बढ़ाता है।
    5. संकट से मुक्ति: हनुमान चालीसा पठने से आपको संकट और दुःख से मुक्ति मिलती है। यह आपको जीवन की मुश्किलताओं और चुनौतियों के सामने साहस और पराक्रम से स्थिर रहने में मदद करता है।
    6. धार्मिक और आध्यात्मिक विकास: हनुमान चालीसा का पाठ करने से आपका आध्यात्मिक विकास होता है। यह आपको ईश्वरीय संयोग के अनुभव की प्राप्ति, मन की शुद्धि, चित्त की स्थिरता और आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति में मदद करता है।

    हनुमान चालीसा के प्रमुख फायदों का अनुभव करने के लिए आपको नियमित रूप से इसे पठना चाहिए और पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ करना चाहिए। यह आपके जीवन को समृद्ध, शांतिपूर्ण और आनंदमय बनाने में सहायता करेगा।

    हनुमान चालीसा का आध्यात्मिक महत्व

    हनुमान चालीसा का आध्यात्मिक महत्व बहुत महत्वपूर्ण है। इस पाठ का उद्देश्य भगवान हनुमान के सामर्थ्य, शक्ति, और प्रेम की महिमा का गान करना है। इसके पठन से अपनी आध्यात्मिक और मनोवैज्ञानिक उन्नति के लिए व्यक्ति को विभिन्न लाभ प्राप्त होते हैं।

    हनुमान चालीसा के आध्यात्मिक महत्व को निम्नलिखित प्रकार से समझा जा सकता है:

    1. दैवीय संयोग का प्राप्ति: हनुमान चालीसा पठने से भक्त को दैवीय संयोग की प्राप्ति होती है। यह चालीसा भक्त को ईश्वरीय आराधना और संवाद के लिए संयमित करती है, जिससे वह आध्यात्मिक योग्यता प्राप्त करता है।
    2. मन की शुद्धि: हनुमान चालीसा का पाठ करने से मन की शुद्धि होती है। यह चालीसा व्यक्ति को मन के भ्रमों और आध्यात्मिक अज्ञान के बंधन से मुक्त करती है और उसे सत्य की ओर प्रेरित करती है।
    3. देवी-देवताओं के आशीर्वाद को प्राप्त करना: हनुमान चालीसा के पठन से व्यक्ति देवी-देवताओं के आशीर्वाद को प्राप्त करता है। यह चालीसा भक्त के मार्ग में देवी-देवताओं के संचालन का समर्थन करती है और उसे आध्यात्मिक उन्नति के लिए प्रेरित करती है।
    4. आत्मिक संयम और साधना: हनुमान चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को आत्मिक संयम और साधना करने की प्रेरणा मिलती है। यह चालीसा भक्त को अविचलित बुद्धि, स्थिर मन, और आत्मसंयम की प्राप्ति के लिए प्रेरित करती है।
    5. आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति: हनुमान चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती है। यह चालीसा भक्त को अनन्त ज्ञान, अद्वैत तत्त्व और ईश्वरीय सत्य की प्रकटि कराती है।

    हनुमान चालीसा का आध्यात्मिक महत्व हमें भगवान हनुमान के आत्मिक गुणों को समझने, आध्यात्मिक विकास को प्राप्त करने, और दिव्य प्रेम और सेवा के माध्यम से अपने जीवन को परिपूर्ण बनाने में सहायता करता है। इसलिए, हनुमान चालीसा के आध्यात्मिक महत्व को समझना और उसे नियमित रूप से पठना आत्मिक आनंद और उन्नति की ओर एक मार्ग प्रदान करता है।

    हनुमान चालीसा की विशेषताएं:

    हनुमान चालीसा की कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

    • शक्तिशाली मंत्र: हनुमान चालीसा में शामिल श्लोकों और मंत्रों का उच्चारण करने से व्यक्ति में अद्भुत शक्ति का अनुभव होता है। ये मंत्र भक्त को रक्षा करते हैं और संकट से मुक्ति प्रदान करते हैं।
    • भक्ति और प्रेम की भावना: हनुमान चालीसा में व्यक्तित्व से भरी हुई भक्ति और प्रेम की भावना प्रदर्शित होती है। इसके पठन से भक्त भगवान हनुमान के प्रति अपार प्रेम और श्रद्धा की अनुभूति करते हैं।
    • सर्वशक्तिमान हनुमान की महिमा: हनुमान चालीसा के माध्यम से हम भगवान हनुमान की महिमा, शक्ति, उपकार, और दिव्य गुणों का गान करते हैं। यह हमें उनके सामर्थ्य को समझने में मदद करता है और हमें देवी-देवताओं के आशीर्वाद की प्राप्ति करने के लिए प्रेरित करता है।
    • राम भक्ति: हनुमान चालीसा में व्यापक रूप से राम भक्ति का वर्णन है। यह चालीसा हमें श्रीराम के प्रति भक्ति और सेवा की भावना से प्रेरित करती है।
    • दुःख निवारण: हनुमान चालीसा का पाठ करने से संकट और दुःखों का निवारण होता है। यह चालीसा, भक्त को स्थिरता, आनंद और आत्मिक शांति प्रदान करती है।

    हनुमान चालीसा के पाठ की विधियाँ:

    रामायण मे हनुमान जी महिमा का बखान मिलता है वे श्रीराम के बहुत बड़े भक्त थे, हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है, लेकिन ये पाठ करने की कुछ विधियाँ हैं जिसे ध्यान मे रखकर हनुमान चालीसा पाठ करने से हमे निश्चित लाभ प्राप्त होता है। हनुमान चालीसा को पठने के लिए निम्नलिखित विधियाँ अनुसरण की जाती हैं:

    • नियमितता: हनुमान चालीसा को नियमित रूप से पठना चाहिए। यह सर्वाधिक प्रभावी होता है जब इसे प्रातः और सायंकाल के समय पठा जाता है।
    • पठन की श्रद्धा: हनुमान चालीसा को पठने के समय श्रद्धा और विश्वास के साथ पठा जाना चाहिए। आपको भगवान हनुमान की आराधना करनी चाहिए और उनकी कृपा के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।
    • प्रभुत्व और भक्ति के साथ पठना: हनुमान चालीसा को पठने के दौरान आपको भगवान हनुमान के प्रभुत्व और उनके प्रति अपार भक्ति का अनुभव करना चाहिए। इसके द्वारा आप उन्हें आदर्श भक्त बनने का संकेत देते हैं।
    • उच्चारण की शुद्धता: हनुमान चालीसा को पठते समय आपको ध्यान देना चाहिए कि आप सही उच्चारण कर रहे हैं। हर शब्द को स्पष्ट और सही ढंग से उच्चारित करें।
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