मुग़ल औरंगजेब एक निहायत ही क्रूर शासक था। उसकी क्रूरता के अनगिनत सबूत इतिहास के पन्नों मे दर्ज है। इस वेब स्टोरी मे आप ऐसे कुछ तथ्यों से रु ब रु होंगे
औरंगजेब का कहर सबसे पहले उसके बड़े भाई दारा शिकोह पर टूटा। औरंगजेब ने दारा का सर काट के शाहजहाँ को तोहफे मे भेजा था।
दारा शिकोह को मारने के बाद उसने अपने बाकी भाइयों को भी निपटा दिया ताकि भविष्य मे कोई चुनौती देने वाला न बचे। यहा तक की मुराद जो औरंगजेब के पक्ष मे था उसको भी मार दिया।
सत्ता पर काबिज होने के लिए पिता को कैद कर लिया जहां पर शाहजहाँ को कम से कम पानी और खाना दिया जाता था। कैद मे ही शाहजहाँ की मौत हो गई।
औरंगजेब की प्रिय पुत्री हुआ करती थी जेबुन्निसा को औरंगजेब की मर्जी के विरुद्ध प्रेम करने की सजा के रूप मे 20 साल कैद रखा, और कैद मे ही जेबुन्निसा की मृत्यु हो गई?
औरंगजेब ने गुरु तेग बहादुर जी को दिल्ली के चाँदनी चौक इलाके मे सर कलम करवा दिया था, बाद मे गुरु जी की शहादत वाले स्थान पर गुरुद्वारा शीशगंज का निर्माण हुआ।
इस क्रूर शासक ने गुरु गोविंद सिंह जी के दो छोटे साहिब्जादों को जिंदा दीवार मे चुनवाया इसलिए की उन्होने इस्लाम नहीं कबूल किया?
शिवाजी के पुत्र मराठा सम्राट संभाजी को ने धोखे से बंदी बनाया और उन्हे इस्लाम स्वीकार करवाने के लिए, चिमटे से नाखून उखड़वाये, उँगलियाँ काट दी, चमड़ी उखड़वाई और गरम सरिये से उनकी आंखे फोड़ दी।
हिंदुओं को प्रताड़ित करने और धर्मांतरण करवाने हेतु उसने हिंदुओं पर जज़िया टैक्स लगाया जो की सिर्फ और सिर्फ हिंदुओं को देना होता था।
अपने शासनकाल मे औरंगजेब ने अनगिनत मंदिर तोड़े, जिसमे से काशी का महादेव मंदिर तोड़कर उसने ज्ञानवापी मस्जिद बनवाई। मस्जिद की पीछे की दीवार के नीचे मंदिर का ढांचा साफ देखा जा सकता है।
औरंगजेब को बुंदेलखंड के महाराजा छ्त्रसाल ने युद्ध मे हराया था और निहत्थे औरंगजेब को जीवनदान दिया था। लेकिन औरंगजेब ने अपने किसी शत्रु राजा के वैसा व्यवहार नहीं किया।
दुश्मनों के साथ जो व्यवहार किया सो किया, औरगजेब एक निहायत ही क्रूर इस्लामी शासक था जो अपने पिता भाइयों और पुत्री को क्रूर यातनाएँ देकर मार सकता है वो कैसा मानव रहा होगा आप स्वयं कल्पना कर सकते हैं।