Shivkar Bapuji Talpade (१8६४ – १९१६): संस्कृत और विमानन में रुचि रखने वाले सर जेजे स्कूल ऑफ आर्ट में एक भारतीय प्रशिक्षक थे। वह मुंबई के रहने वाले थे, और दावा किया जाता है कि उन्होंने 1895 में एक मानवरहित विमान का निर्माण किया और उड़ाया था। हालांकि इस बात के ऐतिहासिक पुख्ता साक्ष्य उपलब्ध नहीं हैं क्योंकि बात उस समय से जुड़ी है जब भारत अंग्रेजों के गुलाम था और भारत के लोगों के अधिकार बहुत सीमित थे।
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कौन थे Shivkar Bapuji Talpade?
शिवकर तलपड़े का जन्म दक्षिण बॉम्बे (वर्तमान मुंबई) में हुआ था, उनके जन्म का वर्ष 1864 बताया गया है। उनके पिता का नाम “श्री पठारे प्रभु” था। उनकी पत्नी का नाम- श्रीमती लक्ष्मीबाई था।
Shivkar Bapuji Talpade ने सर जेजे स्कूल ऑफ आर्ट के कला और शिल्प विभाग में तकनीकी प्रशिक्षक के रूप में काम किया। वह आर्य समाज के सदस्य थे।
Shivkar Talpade का अध्ययन करने वाले लेखक प्रताप वेलकर के अनुसार, उन्हें संस्कृत का अध्ययन करने में काफी रुचि थी। तलपड़े का एक बेटा था, जो निःसंतान रहा; इसलिए तलपड़े जी का कोई प्रत्यक्ष वंशज मौजूद नहीं है और यही कारण है की उनके बारे मे बहुत कम जानकारी उपलब्ध है।
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एक भारतीय जिन्होने Wright Brothers से 8 साल पहले प्लेन उड़ाया था।
तलपड़े को संस्कृत का अथाह ज्ञान था। वेदों और संस्कृत के विद्वान, वह भारतीय वैमानिकी पर पुस्तकों से आकर्षित थे। बचपन से ही तलपड़े उड़ान भरने और अंतरिक्ष की खोज करने का सपना देखते थे। अपने जुनून से प्रेरित होकर, उन्होंने वेदों में उड़ान का उल्लेख ढूंढना शुरू कर दिया।
इसी क्रम मे उन्होने महर्षि भारद्वाज का “वैमानिका शास्त्र” का अध्ययन किया जिसमे कई प्रकार के विमान बनाने की विधियों का विवरण है। शिवकर तलपड़े जी ने इसमे से जो सबसे कम संसाधन मे बनने वाला विमान चुना।
पहला भारतीय विमान- मरुत्सख 1895
Shivkar Talpade ने 1895 में ‘मरुत्सख’ नाम से एक प्लेन का निर्माण किया जिसे मुंबई के चौपाटी (जुहू beach) पर सबसे पहला विमान उड़ाया। ये मुख्यतः बांस से बना हुआ मानव रहित फ्लाइंग ऑब्जेक्ट था जो हवा के वजन से अधिक था।
मरुत्सख दो शब्दों से मिलकर बना है, मरुत, जिसका अर्थ है हवा की धारा, और सखा, जिसका अर्थ है मित्र। तलपड़े ने अपने विमान का नाम ऋग्वेद में वर्णित ज्ञान की देवी, सरस्वती के नाम पर रखा।
बिना मानव का यह मरुत्सख विमान बांस से बना हुआ Mercury से चलने वाला पहला विमान था। सूर्य के प्रकाश के साथ संपर्क मे आने से “पारे (Mercury)” से हाइड्रोजन मुक्त हुआ, चूँकि हाइड्रोजन हवा से हल्की है, इसलिए विमान हवा मे ऊपर उड़ गया।
Shivkar Bapuji Talpade ने बॉम्बे की जुहू चौपाटी से पहले भारतीय इस विमान को लगभग 1,500 फीट ऊपर तक उड़ाया। जमीन से टकराने से पहले यह मामूली ऊंचाई तक पहुंचा। विमान एक बांस का सिलेंडर था जो पारा आयन इंजन से संचालित होता था।
हालांकि यह अधिक देर तक हवा मे नहीं रह सका और बताया जाता है की 18 मिनट मे यह विमान वापस जमीन पर गिर गया।
कहा जाता है कि बड़ौदा के तत्कालीन महाराजा एच एच सयाजी राव गायकवाड़ और प्रख्यात भारतीय न्यायाधीश महादेव गोविंद रानाडे ने इस उड़ान को देखा था।
Shivkar Bapuji Talpade के शिष्य एस.डी. सातवलेकर के अनुसार मारुतसख, थोड़े समय के लिए उड़ान भर सका।
इस घटना के बारे मे मराठी अखबार केसरी में प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक द्वारा एक संपादकीय भी प्रकाशित किया गया था। साथ ही दो और अंग्रेजी अखबारों ने इसका संक्षिप्त विवरण प्रकाशित किया।
जिस दिन मारुतसख की उड़ान हुई, उस दिन Shivkar Talpade की प्रेमी पत्नी श्रीमती लक्ष्मीबाई, उनके साथ थीं, वह भी तकनीक प्रेमी थी। लक्ष्मीबाई एक वैदिक विद्वान थीं और उन्हें वास्तुकला का बहुत ज्ञान था।
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Shivkar Bapuji Talpade के जीवन पर आधारित फिल्म
शिवकर बापुजी तलपड़े के जीवन पर आधारित फिल्म “हवाईजादा” 30 जनवरी 2015 को रिलीज हुई थी। फिल्म मे मुख्य किरदार निभाने वाले एक्टर “आयुष्मान खुराना” है।
इस फिल्म मे दिखाया गया है की Wright Brothers ने 1903 मे प्लेन बनाया था जबकि शिवकर तलपड़े जी यह कारनामा 1895 मे ही कर दिखाया था।
इसके अलावा 2015 में, भारतीय विज्ञान कांग्रेस में प्रस्तुत एक विवादास्पद पेपर में दावा किया गया था कि तलपड़े ने “आधुनिक विमान का आविष्कार किया था”।
Was Shivkar Bapuji Talpade First Man to fly Aeroplan?
क्या शिवकर बापुजी तलपड़े विमान बनाने और उड़ाने वाले पहले व्यक्ति थे?
ये लंबी बहस का विषय है। हालाँकि, साहित्य के कई साक्ष्य मिलते हैं कि उनके द्वारा बनाया गया मरुत्सख विमान बांस से बना हुआ Mercury से चलने वाला पहला विमान था। सूर्य के प्रकाश के साथ संपर्क मे आने से “पारे (Mercury)” से हाइड्रोजन मुक्त हुआ, चूँकि हाइड्रोजन हवा से हल्की है, इसलिए विमान हवा मे ऊपर उड़ गया। हालाँकि, विमान बहुत ज्यादा ऊपर नहीं चढ़ा या हवा में बहुत देर तक नहीं रुका। लेकिन राइट बंधुओं से सदियों पहले तलपड़े मानवरहित विमान बनाने और उड़ाने में सफल रहे थे।
जाहिर तौर पर ब्रिटिश सरकार की सेंसोरशिप और गुलामी के कारण सफलता की ये कहानी भारतीय समाज तक नहीं पहुँच सकी। आज तक, इन घटनाओं की पुष्टि के लिए चित्र, उड़ान या उससे जुड़ी किसी भी चीज़ का कोई ठोस लिखित प्रमाण उपलब्ध नहीं है और होता भी कैसे, जिन अंग्रेजों ने भारतीय लोगों को गुलाम रखने के लिए “Divide and Rule” पॉलिसी अपनाई थी वो किसी भारतीय द्वारा इतनी बड़ी Invention को कैसे स्वीकार कर सकते थे।
Shivkar Bapuji Talpade was first man to fly Aeroplane- इस पक्ष को मानने और न मानने वालों के अपने अपने तर्क हैं, जैसे –
- चूंकि ये काफी हद तक प्रमाणित है की Shivkar Bapuji Talpade द्वारा राइट ब्रदर्स (1903) से 8 साल पहले (1895) ही एक फ्लाइंग ऑब्जेक्ट उड़ाया गया था इसलिए उन्हे First Man to Fly Aeroplane माना जाना चाहिए।
- वहीं इस तथ्य को नकारने वालों का कहना है की भले ही उन्होने फ्लाइंग ऑब्जेक्ट जैसा कुछ उड़ाया था लेकिन उसे Aeroplane नहीं कहा जा सकता है क्यूंकी वह थोड़ी देर ही हवा मे उड़ा उसके बाद नष्ट हो गया। ऐसे मे आप इसको खोज नहीं कह सकते।
- उनके पक्ष मे खड़े लोगों का कहना है की– किसी भी आविष्कार की खोज ऐसे ही शुरू होती है, जरूरी नहीं की वो एक बार मे ही लंबी उड़ान भर सके और ब्रिटिश सरकार मे किसी भारतीय के लिए इतना कर पाना भी बड़ी उपलब्धि थी।
- वही इस बात को नकारने वालों का तर्क है कि– भारद्वाज ऋषि का विमान शास्त्र पहले से मौजूद था तो किसी और ने विमान बनाने कि कोशिश क्यों नहीं की या क्यों नहीं बनाया। जबकि पक्ष मे एक तर्क आता है की भारत 400 साल तक मुगलों के और 200 साल अंग्रेजों के गुलाम न रहता तो तस्वीर कुछ और होती।
- विरोध मे एक और तर्क यह दिया जाता है की- Shivkar Talpade जी ने मानव रहित यानि बिना इंसान को बिठाये यह विमान उड़ाया था, और बिना मानव का फ्लाइंग ऑब्जेक्ट उड़ाने के और भी उदाहरण उनसे पहले से मौजूद हैं। लेकिन राइट ब्रदर्स ने 1905 जो पहला प्लेन उड़ाया था वह भी वैसा ही था जैसा शिवकर तलपड़े ने बनाया था जिसे 1908 मे Modify किया गया था।
- इसके अलावा 1906 मे Paris Herald Tribune मे एक एडिटोरियल क्षपता है जिसका शीर्षक था- “Flyers or Liars” जो राइट बंधुओं के बारे मे कटाक्ष के तौर पर लिखा गया था।
- नीचे दी गई image उस Glider की है जिसे राइट ब्रदर्स ने उड़ाया था।
निष्कर्ष:
ये कभी न खत्म होने वाली debate है और इसमे साक्ष्य के रूप मे कुछ खास उपलब्ध नहीं हैं। अंग्रेजों ने Shivkar Bapuji Talpade जी के हाथ भी कटवा दिये थे ताकि वो दुबारा ऐसा कोई प्रयास न कर सकें।
हालांकि हमे भारतीय लोगों के टैलेंट पर कतई शक नहीं होना चाहिए क्योंकि जिन Britishers ने भारत को गुलाम रखा उसी ब्रिटेन पर आज एक भारतीय मूल का व्यक्ति (ऋषि सुनक) बतौर प्रधानमंत्री शासन कर रहा है।
क्या Shivkar Bapuji Talpade ने हवाई जहाज बनाया था ये सच है या अफसाना ये हम आपके विवेक पर छोडते हैं-
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References to this Article:
https://www.business-standard.com/article/beyond-business/the-aviator-115010901145_1.html
https://en.wikipedia.org/wiki/Wright_brothers
https://en.wikipedia.org/wiki/Shivkar_Bapuji_Talpade