Man ko Majboot Kaise Kare? व्यायाम कसरत और जिम मे exercise आपके शरीर को शक्तिशाली बनाते हैं। लेकिन आपके मस्तिष्क का क्या? क्या आपके शरीर के साथ साथ आपका मन भी शक्तिशाली है? मन यानि की हमारा मस्तिष्क, ये बहुत चंचल होता है। कहा जाता है की यदि आपने सिर्फ अपने मन को नियंत्रित कर लिया और भावनात्मक रूप से मजबूत कर लिया तो आप कुछ भी कर सकते है। आपको इस धरती की किसी भी मुसीबत से डर नहीं लगेगा।

तो आप आपको इस आर्टिक्ल मे (Man ko Majboot Kaise Kare) मन को मजबूत कैसे करें इसके लिए कुछ आसान तरीके बताएँगे जिसे करके आप अपने दिमाग को मजबूत बना सकते हैं।

सुखासन

Man ko Majboot Kaise Kare यदि आप इस प्रश्न का उत्तर खोज रहे हैं तो आपको सुखासन करना चाहिए। ये सबसे आसान और सरल व्यायाम है जिससे आपके मस्तिष्क को शक्ति मिलती है और उसकी कार्यक्षमता बढ़ती है।

  • सबसे पहले आराम से बिलकुल शांत मन से आलथी पालथी मारके बैठ जाएँ।
  • फिर नाक के दायें छिद्र को हाथ से बंद कर लें।
  • दोनों आँखों को बंद करके 1 मिनट तक केवल बाईं नाक से स्वास लेते रहें इसी मुद्रा मे।
  • इस क्रिया को आप रोज 4-5 मिनट तक अभ्यास करें।

सुखासन के लाभ: इससे आपकी चन्द्र नाड़ी सक्रिय होगी और जितनी ज्यादा सक्रिय आपकी चन्द्रनाड़ी होगी आपका दिमाग उतना ही मजबूत होगा।

प्राणायाम

Man ko majboot karne के लिए प्राणायाम बहुत ही अधिक शक्तिशाली प्रक्रिया है। जिनको भी मन पे काबू पाना है सोचने और निर्णय लेने की शक्ति बढ़ानी है उसके लिए प्राणायाम करना बहुत जरूरी है। छात्र जीवन मे यदि आपने नियमित प्राणायाम करते हैं तो आपके लिए कामयाब होने के अवसर दुगने हो जाते हैं।

ये Scientific Research द्वारा प्रमाणित योग क्रिया है जिससे व्यक्ति का सम्पूर्ण विकास होता है। सोचने और तर्क क्षमता बढ़ती है और जीवन के उतार चढ़ाव से भय नहीं लगता है। चलिये जानते हैं इसके फायदे:

  • प्राणायाम से मस्तिष्क की कार्य क्षमता और मजबूती बढ़ती है प्राणायाम से क्योंकि इससे मस्तिष्क में ऑक्सिजन का लेवल बढ़ जाता है।
  • प्राणायाम करते रहने से मन में कभी भी उदासी, खिन्नता और क्रोध नहीं रहता है। मन हमेशा प्रसन्नचित्त रहता है जिसके चलते आपके आसपास एक खुशनुमा माहौल बन जाता है।
  • आप जीवन में किसी भी विपरीत परिस्थिति से हताश या निराश नहीं होंगे। मस्तिष्क में किसी भी प्रकार का द्वंद्व और विकार नहीं रहता है।
  • व्यक्ति की सोच बहुत ही विस्तृत होकर परिष्कृत हो जाती है। परिष्कृत का अर्थ साफ-सुथरी व स्पष्ट। ऐसे में व्यक्ति की बुद्धि बहुत तीक्ष्ण हो जाती है तथा वह जो भी बोलता है, सोच-समझकर ही बोलता है। भावनाओं में बहकर नहीं बोलता है।
  • यदि किसी भी प्रकार का मानसिक रोग है तो वह मिट जाएगा, जैसे चिंता, घबराहट, बेचैनी, अवसाद, शोक, शंकालु प्रवृत्ति, नकारात्मकता, द्वंद्व या भ्रम आदि।

निष्कर्ष: आपके प्रश्न Man ko majboot kaise kare? का उत्तर सुखासन और प्राणायाम हैं। इससे आपके अंदर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी और आपमे निर्णय लेने की और समस्याओं से डील करने की क्षमता विकसित होगी। मान लीजिये आप शारीरिक रूप से बलिष्ठ हैं लेकिन आपका मन नियंत्रण मे नहीं है और आप नकारात्मक ऊर्जा से घिरे हैं तो आपका ताकतवर शरीर किसी काम का नहीं है।

मन का मजबूत होना शरीर की मजबूती से ज्यादा जरूरी है खासकर आपके विद्यार्थी जीवन मे यह आवश्यक है आपकी सफलता के लिए।

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