Interview Hindi Kahani: अक्सर हमे माता पिता की रोक टोक, डांट बहुत बुरी लगती है, लेकिन क्या माँ बाप हमेशा गलत होते हैं? क्या उनकी हर बात का हमे विरोध करना चाहिए? यदि आपके भी मन के कुछ ऐसे ही प्रश्न घूम रहे हों तो इनके उत्तर आपको इस “Interview Hindi Kahani” से मिल जाएगा। हमे उम्मीद है की इस कहानी को पढ़ने के बाद आपके सोचने का नजरिया भी बदल सकता है।
Interview Hindi Kahani
बड़ी दौड़ धूप के बाद वो आज ऑफिस पहुंचा, उसका पहला इंटरव्यू था,
घर से निकलते हुए वो सोच रहा था,काश! आज मै कामयाब हो गया, तो अपने पुश्तैनी मकान को अलविदा कहकर यहीं
शहर में सेटल हो जाऊंगा..
मम्मी पापा की रोज़ की चिक चिक, मग़जमारी से छुटकारा मिल जायेगा। सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक होने वाली चिक चिक से परेशान हो गया हूँ ।
जब सो कर उठो, तो पहले बिस्तर ठीक करो,फिर बाथरूम जाओ,बाथरूम से निकलो तो फरमान जारी होता है “नल बंद कर दिया?”
तौलिया सही जगह रखा या यूँ ही फेंक दिया ?
नाश्ता करके घर से निकलो तो डांट पड़ती है – “पंखा बंद किया या चल रहा है?”
क्या क्या सुनें यार, नौकरी मिले तो घर छोड़ दूंगा..
ऑफिस में बहुत सारे उम्मीदवार बैठे थे, बॉस का इंतज़ार कर रहे थे,दस बज गए, उसने देखा पैसेज की बत्ती अभी तक जल रही है, माँ याद आ गई, तो बत्ती बुझा दी।
ऑफिस के दरवाज़े पर कोई नहीं था, बग़ल में रखे वाटर कूलर से पानी टपक रहा था, पापा की डांट याद आ गयी,पानी बन्द कर दिया।
बोर्ड पर लिखा था, इंटरव्यू दूसरी मंज़िल पर होगा, सीढ़ी की लाइट भी जल रही थी, बंद करके आगे बढ़ा, तो एक कुर्सी रास्ते में थी, उसे हटाकर ऊपर देखा पहले से मौजूद उम्मीदवार जाते और फ़ौरन बाहर आ जाते, पता किया तो मालूम हुआ बॉस फाइल लेकर कुछ पूछते नहीं, वापस भेज देते हैं ।
मेरा नंबर आने पर मैंने फाइल मेनेजर की तरफ बढ़ा दी, कागज़ात पर नज़र दौड़ाने के बाद उन्होंने कहा-
“कब ज्वाइन कर रहे हो?
उनके सवाल से मुझे लगा जैसे मज़ाक़ हो, वो मेरा चेहरा देखकर कहने लगे, ये मज़ाक़ नहीं हक़ीक़त है।
आज के इंटरव्यू में किसी से कुछ पूछा ही नहीं, सिर्फ सीसीटीवी में सबका बर्ताव देखा, सब आये लेकिन किसी ने नल या लाइट बंद नहीं किया।
धन्य हैं तुम्हारे माँ बाप, जिन्होंने तुम्हारी इतनी अच्छी परवरिश की और अच्छे संस्कार दिए ।
जिस इंसान के पास आत्मविश्वास (Self Confidence)नहीं वो चाहे कितना भी होशियार और चालाक हो , मैनेजमेंट और ज़िन्दगी की दौड़ धूप में कामयाब नहीं हो सकता।
घर पहुंचकर मम्मी पापा को गले लगाया और उनसे माफ़ी मांगकर उनका शुक्रिया अदा किया।
Interview Hindi Kahani से क्या सीख मिलती है –
- संसार में सुखी जीवन व्यतीत करने वाले को संस्कार अवश्य चाहिए।
- संस्कार पाने वाले को मां-बाप की सेवा, सम्मान अवश्य करना चाहिए।
- माता-पिता के दिये हुए संस्कार रामबाण की तरह अचूक होते हैं, कभी निष्फल नहीं होते, सदा ही फलदायी होते हैं।
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