Disney Cinderella Story in Hindi: Hindi Kahani शृंखला मे इस लेख मे हम बात करेंगे राजकुमार और सिंडरेला की कहानी के बारे मे। आपने Fairy Tale यानि पारियों की कहानी के बारे मे अपनी दादी नानी से जरूर सुना होगा। परियों की कहानियों मे एक कहानी जो काफी मशहूर कहानी है राजकुमारी Cinderella ki Kahani, ये हमारी Favourite कहानियों मे से एक है।
हर लड़की का एक सपना होता है की उसकी शादी किसी सुंदर से राजकुमार से हो, बचपन से लड़किया यही सपना देखती हैं। Cinderella Story in Hindi इस कहानी मे भी Cinderella भी एक ऐसी ही लड़की थी जिसे अपने राजकुमार का इंतजार था, लेकिन उसकी किस्मत इतनी भी अच्छी नहीं थी। चलिये पढ़ते हैं Cinderella से राजकुमारी Cinderella बनने की ये कहानी –
Table of Contents
Main Characters of “Cinderella Story in Hindi“
कहानी मे आगे बढ्ने से पहले एकबार इस कहानी के मुख्य पात्रों के बारे जान लेते हैं-
- सिंड्रेला (यह कहानी का मुख्य पात्र है)
- राजकुमार (ये कहानी का दूसरा महत्वपूर्ण पात्र है)
- व्यापारी (सिंड्रेला का पिता)
- सिंड्रेला की सौतेली माँ
- सिंड्रेला की दो सौतेली बहने
- जादूगरनी
Disney Cinderella Story in Hindi (Disney Cinderella kahani)
काफी समय पहले की बात है। एक राज्य में एक व्यापारी हुआ करता था। उस व्यापारी की दो शादियाँ हुई थी, पहली पत्नी का देहांत होने के बाद उसने दूसरी शादी कर ली थी। जबकि उस व्यापारी की पहली पत्नी से उसे एक खूबसूरत बेटी थी, जिसका नाम “एला” था। व्यापारी की दूसरी पत्नी से दो बेटियाँ थी जो बिल्कुल भी खूबसूरत नहीं थी।
एला तब छोटी ही थी जब उसके पिता ने दूसरी शादी कर ली थी, एला बचपन से ही काफी नेक और साफ दिल की बच्ची थी। जबकि उसकी सौतेली माँ और दोनों सौतेली बहने काफी दुष्ट प्रवृति की थी। लेकिन “एला” के पिता उससे बहुत प्यार करते थे और उसकी सारी ज़रूरतें पूरी करते थे।
एला की ज़िन्दगी में सिर्फ एक चीज़ की कमी थी वह थी उसकी माँ, जो उसे छोड़ कर भगवान् के घर चली गयी थी। एला की इस कमी को पूरा करने के लिए उसके पिता ने दूसरी शादी कर ली। एला की नयी माँ की दो बेटियाँ थीं। वह बहुत खुश थी कि माँ के साथ साथ उसे बहने भी मिल गयी थी। दोनों बहने बहुत घमंडी थी, लेकिन एला उनसे प्यार करती थी और अपनी नयी माँ को भी बहुत चाहती थी।
“एला का नाम सिंडरेला कैसे पड़ा?
एला के पिता को व्यापार के सिलसिले मे दूसरे देश जाना पड़ा, और एला अपनी सौतेली माँ और बहनो के साथ रहने लगी। पिता के जाते ही एला पर तो मानो मुश्किलों का पहाड़ टूट गया हो। पिता का साया हटते ही उसकी सौतेली माँ और बहने उसके घर की मालकिन हो गई और एला के साथ नौकरों जैसा बर्ताव करने लगीं।
हद तो तब हो गई जब उन लोगों ने घर के सारे नौकरों को निकाल दिया और सारा काम सिर्फ एला से ही करवाने लगी। यहाँ तक की उसकी सौतेली बहनों से उसका कमरा भी उससे छीन लिया और उसे एक पुरानी कोठरी में रहने के लिए छोड़ दिया। एला अपनी बहनों के पुराने कपड़े और जूते पहनती, सारा दिन उनके काम करती। कभी कभी तो एला इतनी थक जाती कि अंगीठी के पास ही सो जाती। अक्सर जब एला सुबह उठती तो अंगीठी की राख उसके शरीर पर लगी होती थी। राख़ को अँग्रेजी मे Cinder/सिंडर कहते हैं। इस वजह से उसकी सौतेली बहने उसे सिंडर-एला कह के चिढ़ाती और इस तरह उसका नाम “एला” से सिंडरेला हो गया।
राजा ने राखी प्रतियोगिता
समय ऐसे ही बीत रहा था एला की मुश्किलें कम नहीं हो रही थी और धीरे धीरे Cinderella और उसकी बहने बड़ी होने लगी। एकदिन राजा ने पूरे राज्य मे ऐलान करवाया और एक प्रतियोगिता रखवाई, जिसमे राज्य की सभी शादी योग्य लड़कियों को आमंत्रित किया और कहा की जो लड़की नृत्य प्रतियोगिता भाग लेगी उन्ही मे राजकुमार के लिए एक राजकुमारी को चुना जाएगा। और उसी से राजकुमार की शादी होगी।
यह सुनकर सिंडरेला और उसकी दोनों बहने बहुत खुश हुईं और अपनी किस्मत आजमाने के लिए राजा मे दरबार मे जाने की तैयारियां करने लगीं। सिंडरेला को खुश होकर तैयार होते देख उसकी सौतेली माँ को रास नहीं आया। उसने Cinderella को कहा की तू तो नौकरनी तू महल मे नहीं जा सकती, चल के काम मे लग जा।
बेचारी Cinderella दुखी मन से काम मे लग गई और मन ही मन राजकुमार के बारे मे सोचने लगी, की राजकुमार कैसा होगा और उसकी बहने क्या कर रही होंगी।
Cinderella and Angel (सिंडरेला और परी)
सिंडरेला ख़यालों मे खोई हुई थी, तभी वह से गुजर रही एक परी जादूगरनी की नजर उदास Cinderella पर पड़ी और उस परी ने लड़की की मदद करनी चाही। परी ने सिंडरेला के पास जाकर पूछा की वो क्यू उदास है, तो सिंडरेला ने सारी बात बताई।
उसके बाद जादूगरनी ने सिंड्रेला से कहा, “ओह! प्यारी सिंड्रेला, मैं तुम्हारी मदद कर सकती हूँ।”
यह कह कर परी ने अपनी छड़ी घुमाई और वहाँ पड़े एक बड़े से कद्दू को एक सुंदर सी बग्घी मे बदल दिया। वहीं पास मे चार चूहे उछल रहे थे, जादूगरनी की नज़र उनपर पड़ी तो उसने चूहों को घोड़ा बना दिया। अब जरूरत थी बग्घी को चलाने के लिए एक कोचवान की। जादूगरनी ने चारों तरफ नज़र घुमाई तो उसे एक मेंढक दिखा और उसे कोचवान में बदल दिया। पास मे कुछ छिपकलियाँ थी जिनको परी ने अपनी जादुई छड़ी ने अंगरक्षक सिपाही बना दिये।
सिंड्रेला यह सब देख हैरान हो रही थी कि और तभी परी उसकी तरफ मुड़ी और अपनी जादू की छड़ी घुमा दी, और पलक झपकते ही सिंड्रेला के मटमैले और फ़टे हुए कपड़े साफ और सुंदर हो गए। उसके पैरों में टूटी हुई चप्पल की जगह सुंदर कांच की जूती आ गई। अब सिंड्रेला महल मे जाने के लिए तैयार थी।
जादूगरनी ने सिंड्रेला को विदा करते हुए कहा, “बेटी, तू अपनी इच्छा पूरी कर ले, लेकिन ध्यान रखना रात १२ बजते ही यह सारा जादू खत्म हो जाएगा और तुम वापस से पहले की तरह हो जाओगी”
Cinderella and Her Prince (Prince & Cinderella Kahani)
नए कपड़े, सुंदर काँच की जूती और शानदार बग्घी से जब सिंड्रेला जब महल पहुंची तो सबकी नज़रे उसी को देखने लगी। वह वाकई बहुत ही सुंदर लग रही थी। राजकुमार ने जब उसके साथ डांस करना चाहा तो सिंड्रेला की सौतेली बहनों के साथ साथ वहां मौजूद सभी लड़कियाँ सिंड्रेला से जलने लगीं।
सिंड्रेला को इस रूप मे उसकी बहने भी पहचान नहीं पाई। राजकुमार ने उसे देखते ही फैसला कर लिया था कि वह इसी लड़की से शादी करेगा। सिंड्रेला भी राजकुमार की आखों में ऐसी डूबी कि उसे परी की काही बात याद न रही। देखते ही देखते रात के १२ बज गए, घड़ी के 12 बजते ही घंटे की आवाज बाजी और तभी सिंड्रेला को याद आया कि १२ बजे जादू खत्म हो जाना था। सिंड्रेला तुरंत बिना राजकुमार से कुछ कहे वहाँ से भाग निकली। वह नही चाहती थी कि राजकुमार उसे उसके पुराने, गंदे कपड़ो मे देखे और उससे नफरत करे।
वहाँ से भागते समय Cinderella की कांच की एक जूती महल में ही छूट गयी जो राजकुमार ने उठा ली। राजकुमार ने बहुत कोशिश की सिंड्रेला को ढूँढने की लेकिन वह उसे कहीं नही मिली। सबने राजकुमार से उसे भूल जाने को कहा लेकिन राजकुमार सिंड्रेला को भूल नही पा रहा था।
राजा ने पूरे राज्य मे ये ऐलान करवाया की- जिस लड़की के पैरों मे वह जूती पूरी तरह से फिट आएगी राजकुमार उसी से शादी करेंगे। राज्य मे हलचल ही मच गई थी, हर लड़की राजकुमार से शादी करना चाहती थी। बहुत सी लड़कियां उस काँच की जूती को अपनी बताने लगी, लेकिन वो किसी भी लड़की के पूरी तरह फिट नहीं हो रही थी। आखिर में सिंड्रेला की बहनों की बारी आई। दोनो ने हर कोशिश की जूती पहनने की लेकिन कोई फायदा नही हुआ।
अब एक ही लड़की बची थी और वह थी Cinderella, जब सिंड्रेला ने उस जूती को पहना तो वह जूती उसके पैर मे आ गयी जैसे उसी के लिए बनी हो। सिंड्रेला की सौतेली माँ और बहने हैरान और परेशान हो गयीं। किसी को भी उम्मीद नही थी कि वह सुंदर लड़की सिंड्रेला हो सकती है।
राजकुमार ने जब सिंड्रेला से शादी के लिए पूछा तो सिंड्रेला ने भी खुशी खुशी हाँ कर दी। अगले ही दिन बड़ी धूम धाम के साथ सिंड्रेला और राजकुमार की शादी करवा दी गई। राजकुमार और सिंड्रेला एक दूसरे के साथ बहुत खुश थे और एक दूसरे को बहुत चाहते थे। दूसरी तरफ सिंड्रेला की सौतेली माँ और बहनों को सिंड्रेला के साथ बुरा व्यवहार करने के कारण राजा ने तीनों को राज्य से बाहर फिकवा दिया।
इस तरह Cinderella ki Kahani मे उसे अपना सपनों का राजकुमार मिल ही गया और उसके दुखों का हमेशा के लिए अंत हो गया।
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