क्या आपने मशहूर Hindi Kahawat “चोर की दाढ़ी मे तिनका” सुनी है? जरूर सुनी होगी। लेकिन क्या आप कहावत के पीछे छुपी कहानी भी जानते हैं? इसके पीछे Akbar Birbal ki Kahaniyan Series की एक बढ़िया और मजेदार कहानी है। इस कहावत का असली सच GoogalBaba के इस आर्टिक्ल मे आपको इस हिन्दी कहानी के माध्यम से पता चल जाएगा।
कहानी Chor ki Dadhi me Tinka (चोर की दाढ़ी मे तिनका)
एक बार की बात है. बादशाह अकबर की हीरे की अंगूठी गुम हो गई. उन्होंने उसे काफ़ी तलाशा, लेकिन वह नहीं मिली. उन्होंने इस बात का ज़िक्र बीरबल से किया, तो बीरबल ने पूछा, “हुज़ूर! क्या आपको याद है कि आपने वह अंगूठी कहाँ उतारी थी?”
कुछ देर सोचने के बाद अकबर ने जवाब दिया, “नहाने जाने के पहले मैंने वह अंगूठी उताकर पलंग के पास रखे संदूक में रख दी थी. नहाकर आने के बाद मैंने देखा कि अंगूठी गायब है.”
“हुज़ूर! तब तो हमें संदूक सहित इस पूरे कमरे की अच्छी तरह तलाशी लेनी चाहिए. अंगूठी यहीं–कहीं होगी.” बीरबल ने कहा।
“लेकिन वह यहाँ नहीं है. मैंने सेवकों से कहकर संदूक तो क्या, कमरे के हर कोने को तलाशा. पर अंगूठी कहीं नहीं मिली.” अकबर ने कहा.
“तब तो आपकी अंगूठी गुमी नहीं है हुज़ूर, चोरी हुई है और चोर आपके सेवकों में से ही कोई एक है. आप इस कमरे की साफ़-सफ़ाई करने वाले सेवकों को बुलवाइए.” अकबर ने सभी साफ़-सफ़ाई करने वाले सेवकों को बुलवा लिया. वे कुल ६ लोग थे. बीरबल ने उनसे अंगूठी के बारे में पूछा, तो सबने अनभिज्ञता ज़ाहिर की. तब बीरबल बोला, “लगता है कि अंगूठी चोरी हो गई है।
बादशाह सलामत ने अंगूठी संदूक में रखी थी. इसलिए अब संदूक ही बताएगा कि चोर कौन है?” यह कहकर बीरबल संदूक के पास गया और कान लगाकर कुछ सुनने की कोशिश करने लगा. फिर सेवकों को संबोधित कर बोला, “संदूक ने मुझे सब कुछ बता दिया. अब चोर का बचना नामुमकिन है.
जो चोर है उसकी दाढ़ी में तिनका है.” ये सुनना था कि ६ सेवकों में से एक ने नज़रें बचाते हुए अपनी दाढ़ी पर हाथ फ़िराया. बीरबल की नज़र ने उसे ऐसा करते देख लिया. उसने फ़ौरन उस सेवक को गिरफ़्तार करने का आदेश दे दिया. कड़ाई से पूछताछ करने पर उस सेवक ने सच उगलकर अपना दोष स्वीकार कर लिया. बादशाह को बीरबल की अक्लमंदी से अपनी अंगूठी वापस मिल गई.
Chor ki Dadhi me Tinka Kahani से हमे क्या सीख मिलती है-
इस कहानी से हमे यह शिक्षा मिलती है की बुद्धि और विवेक के बलपर हम शातिर व्यक्ति के अपराध को पकड़ सकते हैं। चोरी के इस मामले मे बीरबल ने बड़ी चतुराई से पाशा फेंका और चोर उसके जाल मे फंस गया।
दूसरी बात जिसके मन मे चोर होता है वो जरूरत से ज्यादा सतर्कता दिखाता है इसीलिए कहा गया है “चोर की दाढ़ी मे तिनका”। जो गलत होता है वो हड़बड़ी के कुछ न कुछ ऐसा कर देता है जिससे उसका पाप उजागर हो जाता है।
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