American Astronomer Carl Sagan & His Observations of Hindu Culture: इस लेख मे हम DISCUSS करेंगे मशहूर Astronomer (खगोलशास्त्री) कार्ल सागन का परिचय और हिंदू संस्कृति पर उनके अवलोकन के बारे मे चर्चा करेंगे।

कार्ल सागन (1934-1996), एक प्रसिद्ध अमेरिकी खगोल वैज्ञानिक, खगोलशास्त्री और खगोल विज्ञानी ने ब्रह्मांड के बारे में हिंदू दृष्टिकोण की प्रशंसा की। एक बिना तारीख वाले वीडियो में, उन्होंने बताया कि कैसे प्राचीन ब्रह्माण्ड संबंधी विचार जो हिंदू धर्म के केंद्र थे, आधुनिक ब्रह्मांड विज्ञान का आधार बनते हैं।

परिचय (American Astronomer Carl Sagan):

पूरा नाम: Carl Edward Sagan
जन्म: November 9, 1934 Brooklyn, New York, U.S.
मृत्यु: December 20, 1996 (aged 62)

Carl Sagan दुनिया के महान Astronomer, Cosmologist मे से एक हैं। उनका सबसे प्रसिद्ध वैज्ञानिक योगदान अलौकिक जीवन पर शोध है, जिसमें विकिरण द्वारा मूल रसायनों से अमीनो एसिड के उत्पादन का प्रायोगिक प्रदर्शन शामिल है।

CARL SAGAN ही वो महान ब्रह्मांड वैज्ञानिक थे जिंहोने दुनिया के प्रथम उपग्रह (जो सौर्य मण्डल के बाहर भेजा गया था) पे अंकित संदेशो का संग्रह किया था। इस अंतरिक्षयान का नाम वोयेजर था इसे ५ सितंबर, १९७७ को लॉन्च किया गया था। यदि आप ब्रह्मांड विज्ञान मे रुचि रखते हैं तो यह जानते होंगे की कोई अंतरिक्षयान सोलर सिस्टम से बाहर भेजने पर उसमे परग्रहियों (Aliens) के लिए कुछ संदेश Decode करके अलग अलग भाषाओ मे अंकित किए जाते हैं।

इस प्रथम अंतरिक्षयान पे अंकित संदेशों को जिस Cosmologist ने बनाया था उनका नाम Carl Sagan है।

Americal Atronomer & Cosmologist Carl Sagan Quotes-

“Only the Ancient Cosmological Calculations of Hindus match with modern scientific Calculations because they went to the billions & believed the earth is 1.97 Billion years old.

Today Modern Science estimates the Earth Age as about 4.54 billion years. Carl Sagan says further that None Other than the Hindu civilization could imagine above a few thousand years.

American Astronomer Carl Sagan Observations of Hinduism 

कार्ल सागन (1934-1996), एक प्रसिद्ध अमेरिकी खगोल वैज्ञानिक, खगोलशास्त्री और खगोल विज्ञानी ने ब्रह्मांड के बारे में हिंदू दृष्टिकोण की प्रशंसा की। एक बिना तारीख वाले वीडियो में, उन्होंने बताया कि कैसे प्राचीन ब्रह्माण्ड संबंधी विचार जो हिंदू धर्म के केंद्र थे, आधुनिक ब्रह्मांड विज्ञान का आधार बनते हैं।

ब्रह्मांड विज्ञानी कार्ल सगन ने कहा की-

“केवल हिंदुओं की प्राचीन ब्रह्माण्ड संबंधी गणना आधुनिक वैज्ञानिक गणनाओं से मेल खाती है क्योंकि वे अरबों में गए और माना कि पृथ्वी 1.97 बिलियन वर्ष पुरानी है।

आधुनिक विज्ञान का अनुमान है कि पृथ्वी की आयु लगभग 4.54 अरब वर्ष है। कार्ल सागन आगे कहते हैं कि हिंदू सभ्यता के अलावा उनमें से कोई भी हजारों से ऊपर की कल्पना नहीं कर सकता था।” 

फिर उन्होंने पोंगल के फसल उत्सव के बारे में बात की जो दक्षिण भारत और विशेष रूप से तमिलनाडु में मनाया जाता है। कार्ल ने इस बात पर जोर दिया कि हिंदू त्योहार का ‘सुरुचिपूर्ण और बहुत गहरी ब्रह्मांड संबंधी परंपरा’ के साथ संबंध था और यह प्रकृति में चक्रों का आनंद लेता था।

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AMERICAN ASTRONOMER CARL SAGAN अमेरिकी खगोलशास्त्री ने आगे कहा,

“हिंदू धर्म दुनिया के महान विश्वासों में से एक है, जो इस विचार को समर्पित है कि ब्रह्मांड स्वयं बड़ी संख्या में मौतों और पुनर्जन्मों से गुजरता है। यह एकमात्र ऐसा धर्म है जिसमें समय कौशल निस्संदेह ‘संयोगवश’ आधुनिक वैज्ञानिक ब्रह्मांड विज्ञान के अनुरूप हैं। चक्र हमारे सामान्य दिन और रात से ब्रह्मा के एक दिन और रात तक चलता है – 8.64 अरब वर्ष लंबा। यह पृथ्वी, सूर्य की आयु और बिंग बैंग के आधे समय से अधिक लंबा है।”

कार्ल सागन ‘शिव के तांडव नृत्य’ (‘Cosmic dance of Shiva’) का महत्व बताते हैं

American Astronomer Carl Sagan ने एक प्राचीन चोल मंदिर “धरासुरम” की यात्रा के बाद, कार्ल सागन ने नटराज की मूर्ति के महत्व को समझाया। उन्होंने कहा कि मूर्ति प्रत्येक ब्रह्मांडीय चक्र की शुरुआत का प्रतिनिधित्व करती है। विडियो मे अमेरिकी खगोलशास्त्री भगवान शिव की आकृति की ओर इशारा करते हुये बताया जिसे शिव के ब्रह्मांडीय नृत्य के रूप में जाना जाता है,

और कहा,

“भगवान के चार हाथ हैं। ऊपर दाहिने हाथ में एक डमरू है जिसकी ध्वनि सृष्टि की ध्वनि है। ऊपरी बाएँ हाथ में, अग्नि ज्वाला है जिसका अर्थ है की नव निर्मित ब्रह्मांड अब से अरबों साल बाद पूरी तरह से नष्ट हो जाएगा।

उन्होंने स्वीकार किया कि ‘सुंदर’ ब्रह्मांडीय विचार प्राचीन हिंदू मान्यताओं के केंद्र में थे। “वे आधुनिक खगोलीय विचारों के पूर्वसूचक हैं,” “He also believed that the creation & destruction of the Cosmos is similar to Cosmic Dance of Shiva”

उस Youtube Video का लिंक नीचे दिया गया है जिसमे कार्ल सागन अपने उपरोक्त विचार व्यक्त कर रहे हैं-

American Astronomer Carl Sagan on Hinduism (Video courtesy: Youtube/ Mawai Dham)

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